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November 29, 2011 Shayari 2 Comments

ऐसा एक दोस्त चाहिए…

ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,

ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,

कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,

उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,

मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,

उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,

अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,

यूँ तो ‘मित्र’ का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए,

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2 Responses to “ऐसा एक दोस्त चाहिए…”

2 Comments

  1. Neha Sharma says:

    Wah! Wah! Shubhaan Allah.. Nice Friendship Shayari 🙂

  2. नमश्कार एडमिन जी!
    मैं भी एक लेखिका हूँ एवं पिछले 15 मिनट्स से आपकी वेबसाइट www. sandykadam. com पर प्रकाशित विभिन्न कृतियाँ पढ़ रही हूँ| मैं आपके बारे में सिर्फ़ इतना ही कहना चाहूँगी की आपकी लेखन कला काफ़ी उत्कृष्ट है जो कि इस शायरी से झलकती है| आप बस ऐसे ही लिखते रहे और हम यहाँ बार-बार आते रहेंगें|
    धन्यवाद!
    रिया अरोरा

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